Breaking

शुक्रवार, 22 मई 2020

प्राइमरी मेमोरी क्या है?प्राइमरी मेमोरी के प्रकार।

प्राइमरी मेमोरी में डाटा जानकारी और प्रोग्राम प्रॉसेस समय मौजूद रहते है।जरूरत पड़ने पर तुरंत Run होते है।यह अस्थिर मेमोरी होती है। जिसका डाटा कंप्यूटर/लैपटॉप के बंद होने पर मिट जाता है।प्राइमरी मेमोरी को Main Memory भी कहा जाता है।
Primary Memory Kitne Prakar Ki  Hai ?In Hindi

Primary Memory कितने प्रकार की होती है?:-

प्राइमरी मेमोरी 2 प्रकार की होती है। जिनके बारे निचे बताया गया है:-
  • RAM( Random Access Memory)
  • ROM(Read Only Memory)

1.RAM (Random Access Memory)

Random Access Memory Kya Hai? In Hindi

RAM (Random Access Memory) कंप्यूटर कीअस्थायी मेमोरी होती है।इसमें डाटा अस्थायी स्टोर होता है।जिसे कंप्यूटर प्रोसेसर जरूरत के हिसाब से डाटा को अस्थायी डाटा से इस्तेमाल करता है। इसका डाटा कंप्यूटर के बंद होने पर मिट जाता है।इसलिए इसे Temporary Memory या Volatile Memory भी कहा जाता है।
उदाहरण:- आप इसे कुछ इस तरह से भी समझ सकते है। जब आप अपने कंप्यूटर में कोई भी काम जैसे-किसी फाइल को ओपन किया है या गूगल पेज को ओपन किया है इसका जो प्रोसेस है RAM के दुवारा होता है, जो की आपके कंप्यूटर के अचानक बंद होने के बाद आप फिर से अपने कंप्यूटर को ऑन करते है तो आपके सामने डायरेक्ट विंडो होम खुलता है।और आपका प्रोसेस डाटा फाइल गूगल पेज आटोमेटिक मिट यानि बंद हो जाता है।

RAM कितने प्रकार की होती है?:-

RAM 3 प्रकार की होती है- 
  • Dynamic RAM
  • Synchronous RAM
  • Static RAM
Dynamic Ram- डायनामिक RAM को DRAM कहा जाता है। RAM में सबसे ज्यादा साधारण DRAM होती है। DRAM के अंदर डाटा मेमोरी सेल में स्टोर होता है। जिसमे हर एक सेल में एक ट्रांसिस्टर और एक Capacitor का इस्तेमाल किया जाता है। इसमें हर ४ मिली सेकंड के बाद सेल कंट्रोलर मेमोरी को रिफ्रेश करते है। इसलिए DRAM काफी धीमे काम करती है।
Synchronous Ram- Synchronous RAM  की स्पीड DRAM से ज्यादा होती है। यह CPU क्लॉक स्पीड के बराबर रिफ्रेश होती है। इसलिए यह डाटा ट्रांसफर तेजी से करती है।
Static Ram- Static RAM बहुत कम रिफ्रेश होती है। इसी वजह से यह Data को मेमोरी में ज्यादा समय तक स्टोर कर पाती है।जब तक सिस्टम में करंट रहता है तब तक इसका डाटा स्टोर रहता है। यह RAM थोड़ी महंगी भी होती है।

ROM (Read only memory) क्या है?:-


ROM का पूरा नाम Read Only Memory है।ROM Permanent Memory होती है।जिसमे कंप्यूटर के निर्माण के समय प्रोग्राम को स्टोर किया जाता है। ROM में स्टोर प्रोग्राम को बदला या मिटा नहीं सकते है। इसलिए इसे रीड ओनली मेमोरी कहा जाता है। इसमें स्टोर प्रोग्राम स्थायी होते है जो की कंप्यूटर के बंद होने पर भी नहीं मिटते है।
उदाहरण:-आप इसे इस तरह से समझ सकते है। जब आप अपने कप्यूटर को ऑन करते है तो स्टार्टिंग में आपके कंप्यूटर के ब्रांड का नाम आता है जिसे आप सिर्फ पढ़ सकते है बदल या मिटा नहीं सकते यह नाम रीड ओनली मेमोरी में ही स्टोर किया जाता है।

ROM कितने प्रकार की होती है?:-

Rom 3 प्रकार की होती है जिनके बारे में आप निचे पढ़ सकते है।:- 

  • PROM (Programmable Read Only Memory)
  • EPROM (Erasable Programmable Read Only Memory)
  • EEPROM (Electrical Programmable Read Only Memory)
PROM:- PROM का नाम Programmable Read Only Memory है।PROM में डाटा स्टोर करने के बाद इसे बदल या मिटा नहीं सकते है।
EPROM:- EPROM पूरा नाम Erasable Programmable Read Only Memory है।यह PROM की तरह ही है। लेकिन इसमें Save डाटा को Ultraviolet rays के दुवारा मिटाकर नये प्रोग्राम को स्टोर किया जा सकता है। 
EEPROM:- EEPROM Electrical Programmable Read Only Memory है। यह एक नयी टेक्नोलॉजी में Developed है। जिसके डाटा को इलेक्ट्रिक मेथड से मिटाया जा सकता है और नये प्रोग्राम को स्टोर कर सकते है।

अगर आपको यह आर्टिकल पसंद आया हो तो अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करे। अगर आपको इससे सम्बंधित कोई भी सवाल है तो हमें कमेंट में लिखे।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें