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शुक्रवार, 22 मई 2020

मई 22, 2020

स्पीकर क्या है?स्पीकर कितने प्रकार के होते है?

स्पीकर एक एक्सटर्नल उपकरण है। जिसका इस्तेमाल साउंड/ऑडियो को सुनने के लिए क्या जाता है। स्पीकर इलेक्ट्रॉनिक सिग्नल को ऑडियो सिंग्नल में बदलने का काम करता है। स्पीकर अलग अलग आकार और फ्रीक्वेंसी के आते है। स्पीकर की काम करने की झमता 3 चीजों पर निर्भर होती है।-
  • Frequency
  • THD(Total Harmonic Distortion)
  • Watts
Speaker Kitne Type Ke Hote Hai?inHindi

Frequency:-

यह साउंड की रेंज को नापता है। स्पीकर की आवाज कम या ज्यादा फ्रीक्वेंसी पर निर्भर होती है।

THD (Total Harmonic Distortion ):-

यह एम्पलीफायर दुवारा दिए गए सिंग्नल में से आवाज की डिस्टॉरशन को नापता है।आवाज की डिस्टॉरशन THD पर निर्भर होती है।

Watts:-

यह विस्तारण की झमता को मापता है। स्पीकर एम्पलीफिकेशन वाट्स पर निर्भर होती है।

Speaker कितने प्रकार के होते है?:-

स्पीकर फ्रीक्वेंसी और वाट्स के आधार पर काफी तरह के मिल जायेंगे लेकिन इन्हे इस्तेमाल करने के आधार पर ४ तरह से विभाजित किया गया है।-
  • PC Speaker
  • Multi-Channel Speaker
  • Standard Speaker
  • USB Speaker

PC Speaker:-

यह आकार में छोटे होते है।और इनका इस्तेमाल कंप्यूटर और लैपटॉप में ज्यादातर किया जाता है इसलिए इन्हे PC स्पीकर कहते है। ये कंप्यूटर में हैडफ़ोन जैक के माध्यम से जोड़े जाते है।

Multi-Channel Speaker:-

इन स्पीकर को हम वूफर के नाम से भी जानते है। क्युकी इसमें स्पीकर के साथ एक सवूफर होता है।इनकी ऑडियो क्वालिटी अच्छी होती है। इसमें अलग अलग तरह के जैसे-2.1, 4.1, 5.1 स्पीकर आते है। जिसमे 2-5 स्पीकर और  1 वूफर होता है। मतलब 2.1 Multi-Channel स्पीकर में 2 स्पीकर और एक वूफर होता है।

Standard Speaker:-

इन्हे ज्यादातर एक लकड़ी/प्लास्टिक के बॉक्स(कॉलम) में 2 स्पीकर का इस्तेमाल किया जाता है। यह स्पीकर अलग अलग आकार और फ्रीक्वेंसी में आते है। यह ज्यादातर ऑफिस और DJ इत्यादि में इस्तेमाल किये जाते है।

USB Speaker:-

इन स्पीकर को इस्तेमाल करने के लिए आपको कंप्यूटर या लैपटॉप से USB से जोड़ा जाता है।इनकी आवाज़ क्वालिटी अच्छी होती है।और यह साइज में भी काफी छोटे होते है। इन्हे आप PC/लैपटॉप स्पीकर भी कह सकते है। यह PC स्पीकर का अपडेटेड ही है जिनमे Voice क्वालिटी को Developed किया गया है।

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मई 22, 2020

कंप्यूटर में मदर बोर्ड क्या है?

मदरबोर्ड कंप्यूटर का एक मुख्य पार्ट PCB होता है। इसे PC का बैकबोन भी कहते है। जिसमे सभी आवश्यक पार्ट्स जुड़े रहते है। कंप्यूटर में मदर बोर्ड को System Board, Main circuit Board और लॉजिक बार्ड के नाम से भी जाना जाता है। मदर बोर्ड एक प्लास्टिक की तरह शीट होती है जिसमे उपकरणो को जोड़ने के लिए अलग अलग पोर्ट बने होते है।और बोर्ड में आवश्यक कंपोनेंट्स सोल्डरिंग दुवारा जुड़े रहते है।
Mother board Kitne Type ke Hote Hai?

Mother Board कितने प्रकार के होते है?:-

वैसे तो मदर बोर्ड काफी सारे फीचर्स और झमता में उपलब्ध है यह फीचर्स मदर बोर्ड के निर्माता कम्पनी पर निर्भर है। इसलिए इनके मुख्य फीचर्स के आधार पर इन्हे 2 वर्गों में बाँटा जा सकता है।
  • Integrated Mother Board
  • Non-Integrated Mother Board 

1.Intergrated Mother Board:-

इन मदर बोर्ड में उपकरण को जोड़ने के लिए अलग अलग पोर्ट्स/सॉकेट बनाये जाते है। इंटीग्रेटेड मदर बार्ड में पोर्ट दुवारा जुड़े उपकरण को आप अपनी जरुरत के हिसाब से अपग्रेड कर सकते हो। आजकल कंप्यूटर/लैपटॉप में इन्ही मदर बोर्ड का इस्तेमाल क्या जाता है।

2.Non-Integrated Mother Board:-

इन मदर बोर्ड में पार्ट्स सोल्डरिंग दुवारा जुड़े रहते है।इनमे पोर्ट का इस्तेमाल नहीं किया जाता जिस बजह से हम इन्हे अपग्रेड नहीं कर सकते।नॉन-इंटीग्रेटेड मदर बोर्ड का इस्तेमाल मोबाइल फ़ोन्स और टेबलेट इत्यादि में किया जाता है।

मदर बोर्ड का क्या काम है?:-

मदर बोर्ड सहायक उपकरण को जोड़ने के लिए जगह उपलब्ध करता है।यह कनेक्टेड उपकरण को पावर सप्लाई पहुंचाने और उन्हें मैनेज करने का काम करता है। मदर बोर्ड कंप्यूटर की बायोस सेटिंग और इनफार्मेशन को सेव रखता है जिससे कंप्यूटर आसानी से ऑन हो सके।

मदर बोर्ड के मुख्य भाग।:-

1.Circuit:-मदर बोर्ड में काफी सारे कंपोनेंट्स चिपसेट एक दूसरे से प्रिंटेड वायर दुवारा कनेक्टेड होते है जो कंप्यूटर का सर्किट होता है। यह सर्किट फीचर्स और कंपोनेंट्स के प्रकार पर डिज़ाइन किया जाता है।
2.Serial Port:-इसका उपयोग एडिशनल माउस, मॉडेम को जोड़ने के लिए किया जाता है।
3.Parallel Port:-इस पोर्ट के मदद से प्रिंटर को जोड़ा जाता है। इसे प्रिंटर पोर्ट भी कहते है। यह पोर्ट 25 Pin में होता है।
4.PS/2 Port:-इन पोर्ट का आकार गोल होता है।जिससे माउस और कि बोर्ड को जोड़ा जाता है।आज के समय में इन पोर्ट का इस्तेमाल नहीं किया जाता है।
5.USB Port:-इन पोर्ट दुवारा माउस किबोर्ड हार्ड डिस्क पेन ड्राइव इत्यादि को जोड़ा जाता है। इसकी डाटा ट्रांसफर करने की झमता ज्यादा होती है इसलिए इस पोर्ट का इस्तेमाल सबसे ज्यादा किया जाता है।
6.VGA Port:- यह सीरियल पोर्ट के जैसा ही होता है।इसका इस्तेमाल कंप्यूटर मॉनिटर को जोड़ने के लिए किया जाता है।
7.Power Connector:-इसका इस्तेमाल मदर बोर्ड को एसएमपीएस से पावर कनेक्ट करने के लिए किया जाता है।
8.External Port:-इस पोर्ट दुवारा नेटवर्क केबल(Cable) को जोड़ा जाता है।
9.Game Port:- इस पोर्ट के दुवारा गेम जॉयस्टिक और कंसोल को जोड़ा जाता है। लेकिन आज के समय में इसके जगह USB पोर्ट का इस्तेमाल किया जाता है।
10.DVI Port:- Flate LCD ,LED को जोड़ने के लिए इस पोर्ट का इस्तेमाल किया जाता है।
11.Socket:- यह पोर्ट गोल और छोटे साइज के होते है। जिनके दुवारा स्पीकर, हेडफोन्स और माइक्रोफोन को जोड़ा जाता है।

Top मदर बोर्ड निर्माता कंपनी:- 

  • ASRock
  • Asus
  • Gigabyte
  • Biostar
  • EVGA Corporation
  • MSI(Micro-Star International)

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मई 22, 2020

कंप्यूटर CPU क्या है?और कैसे काम करता है?

CPU कंप्यूटर का महत्वपूर्ण भाग है। CPU को कंप्यूटर का ब्रेन भी कहा जाता है CPU को कंप्यूटर का ब्रेन इसलिए कहते है क्युकी कंप्यूटर CPU के बिना कोई भी काम नहीं कर सकता कंप्यूटर की इतनी भी सॉफ्टवेयर &Hardware प्रोसेसिंग होती है।वो सब CPU दुवारा ही की जाती है यह कंट्रोलर के तरह भी काम करता है।
Computer CPU Ke Parts Kon Kon Se Hai?in Hindi
वैसे तो CPU एक चिप होती है जो की कंप्यूटर के र्बोर्ड में लगी होती है।CPU कंप्यूटर लैपटॉप मोबाइल जैसे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणो में इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन कंप्यूटर में हम CPU के पुरे सिस्टम बॉक्स को CPU कहते है।CPU अपना काम 5 असिस्टेंट उपकरण की मदद से पूरा करता है।-
  • Memory
  • Control Unit
  • ALU
  • Mother Board
  • SMPS

Memory का क्या काम है?:-

Memory Ka Kya Work hai? In Hindi

मेमोरी को आप कंप्यूटर का Store House भी कह सकते है।क्युकी इसका काम डाटा को स्टोर करने का होता है। CPU इंस्ट्रक्शन और डाटा को पहले मेमोरी में स्टोर करता है। फिर डाटा को प्रोसेस करने के बाद मेमोरी में ही स्टोर कर देता है।  इस काम के लिए कंप्यूटर अलग अलग मेमोरी का इस्तेमाल करता है। इनपुट डाटा को रखने के लिए RAM का इस्तेमाल किया जाता है और प्रोसेस के बाद आउटपुट डाटा के लिए ROM का इस्तेमाल होता है।

Control Unit का क्या काम है?:-

Control Unit Kya Kam Karti Hai?in Hindi

Control Unit जिसे CU भी कहते है। CU कंप्यूटर का मैनेजर होता है। जो सभी ऑपरेशन्स को मैनेज करता है। कण्ट्रोल यूनिट मेमोरी से प्राप्त इंस्ट्रक्शन को डिकोड करके CPU को भेजती है। फिर उस पर्टिकुलर इवेंट को प्रोसेस किया जाता है।

ALU का क्या काम है?:-

Arithmetic logic Unit Kya Hai? in Hindi

ALU का पूरा नाम  Arithmetic Logical Unit होता है। इसका काम सिर्फ Mathematical काम करना है। ALU Mathematics Functions में जोड़, घटा, भाग, इत्यादि करके परिणाम देता है।

Motherboard का क्या काम है?:-

Mother Board Ka Kya Work Hai?in hindi
मदर बोर्ड एक तरह से सर्किट ही होता है जिसमे सारे पार्ट एक दूसरे से जुड़े रहते है। मदर बोर्ड के बारे में डिटेल में जानने के लिए यहाँ क्लिक करके मदर बोर्ड क्या है? इसे पढ़े।

SMPS का क्या काम है?:-

Power Supply Ka Kya Kam Hai ? in Hindi

SMPS का काम इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई करना है।और जैसा की हम जानते है की कंप्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है जिसे बिना इलेक्ट्रिसिटी के काम करना संभव नहीं है। और CPU को काम करने के लिए भी पावर की जरुरत होती है इसलिए हम इसे CPU का मुख्य पार्ट भी मान सकते है।

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मई 22, 2020

प्राइमरी मेमोरी क्या है?प्राइमरी मेमोरी के प्रकार।

प्राइमरी मेमोरी में डाटा जानकारी और प्रोग्राम प्रॉसेस समय मौजूद रहते है।जरूरत पड़ने पर तुरंत Run होते है।यह अस्थिर मेमोरी होती है। जिसका डाटा कंप्यूटर/लैपटॉप के बंद होने पर मिट जाता है।प्राइमरी मेमोरी को Main Memory भी कहा जाता है।
Primary Memory Kitne Prakar Ki  Hai ?In Hindi

Primary Memory कितने प्रकार की होती है?:-

प्राइमरी मेमोरी 2 प्रकार की होती है। जिनके बारे निचे बताया गया है:-
  • RAM( Random Access Memory)
  • ROM(Read Only Memory)

1.RAM (Random Access Memory)

Random Access Memory Kya Hai? In Hindi

RAM (Random Access Memory) कंप्यूटर कीअस्थायी मेमोरी होती है।इसमें डाटा अस्थायी स्टोर होता है।जिसे कंप्यूटर प्रोसेसर जरूरत के हिसाब से डाटा को अस्थायी डाटा से इस्तेमाल करता है। इसका डाटा कंप्यूटर के बंद होने पर मिट जाता है।इसलिए इसे Temporary Memory या Volatile Memory भी कहा जाता है।
उदाहरण:- आप इसे कुछ इस तरह से भी समझ सकते है। जब आप अपने कंप्यूटर में कोई भी काम जैसे-किसी फाइल को ओपन किया है या गूगल पेज को ओपन किया है इसका जो प्रोसेस है RAM के दुवारा होता है, जो की आपके कंप्यूटर के अचानक बंद होने के बाद आप फिर से अपने कंप्यूटर को ऑन करते है तो आपके सामने डायरेक्ट विंडो होम खुलता है।और आपका प्रोसेस डाटा फाइल गूगल पेज आटोमेटिक मिट यानि बंद हो जाता है।

RAM कितने प्रकार की होती है?:-

RAM 3 प्रकार की होती है- 
  • Dynamic RAM
  • Synchronous RAM
  • Static RAM
Dynamic Ram- डायनामिक RAM को DRAM कहा जाता है। RAM में सबसे ज्यादा साधारण DRAM होती है। DRAM के अंदर डाटा मेमोरी सेल में स्टोर होता है। जिसमे हर एक सेल में एक ट्रांसिस्टर और एक Capacitor का इस्तेमाल किया जाता है। इसमें हर ४ मिली सेकंड के बाद सेल कंट्रोलर मेमोरी को रिफ्रेश करते है। इसलिए DRAM काफी धीमे काम करती है।
Synchronous Ram- Synchronous RAM  की स्पीड DRAM से ज्यादा होती है। यह CPU क्लॉक स्पीड के बराबर रिफ्रेश होती है। इसलिए यह डाटा ट्रांसफर तेजी से करती है।
Static Ram- Static RAM बहुत कम रिफ्रेश होती है। इसी वजह से यह Data को मेमोरी में ज्यादा समय तक स्टोर कर पाती है।जब तक सिस्टम में करंट रहता है तब तक इसका डाटा स्टोर रहता है। यह RAM थोड़ी महंगी भी होती है।

ROM (Read only memory) क्या है?:-


ROM का पूरा नाम Read Only Memory है।ROM Permanent Memory होती है।जिसमे कंप्यूटर के निर्माण के समय प्रोग्राम को स्टोर किया जाता है। ROM में स्टोर प्रोग्राम को बदला या मिटा नहीं सकते है। इसलिए इसे रीड ओनली मेमोरी कहा जाता है। इसमें स्टोर प्रोग्राम स्थायी होते है जो की कंप्यूटर के बंद होने पर भी नहीं मिटते है।
उदाहरण:-आप इसे इस तरह से समझ सकते है। जब आप अपने कप्यूटर को ऑन करते है तो स्टार्टिंग में आपके कंप्यूटर के ब्रांड का नाम आता है जिसे आप सिर्फ पढ़ सकते है बदल या मिटा नहीं सकते यह नाम रीड ओनली मेमोरी में ही स्टोर किया जाता है।

ROM कितने प्रकार की होती है?:-

Rom 3 प्रकार की होती है जिनके बारे में आप निचे पढ़ सकते है।:- 

  • PROM (Programmable Read Only Memory)
  • EPROM (Erasable Programmable Read Only Memory)
  • EEPROM (Electrical Programmable Read Only Memory)
PROM:- PROM का नाम Programmable Read Only Memory है।PROM में डाटा स्टोर करने के बाद इसे बदल या मिटा नहीं सकते है।
EPROM:- EPROM पूरा नाम Erasable Programmable Read Only Memory है।यह PROM की तरह ही है। लेकिन इसमें Save डाटा को Ultraviolet rays के दुवारा मिटाकर नये प्रोग्राम को स्टोर किया जा सकता है। 
EEPROM:- EEPROM Electrical Programmable Read Only Memory है। यह एक नयी टेक्नोलॉजी में Developed है। जिसके डाटा को इलेक्ट्रिक मेथड से मिटाया जा सकता है और नये प्रोग्राम को स्टोर कर सकते है।

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मई 22, 2020

कंप्यूटर क्या है?कितने प्रकार के होते है?

कंप्यूटर एक ऐसा इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है। जिसके दुवारा उपयोगकर्ता Input Data में Process करके जानकारी को परिणाम में प्राप्त करता है। या आप ऐसे समझ सकते है कि कंप्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक मशीन है जो उपयोगकर्ता दुवारा दिए गए निर्देश का पालन करता है। Computer में हम Data को Store & Restore कर सकते है और आप अपने Documents को टाइप करने ,Email Send, Internet और Game खेलने इत्यादि के लिए कंप्यूटर का इस्तेमाल कर सकते है।  आज के टाइम में इतनी भी टेक्नोलॉजी Developed हुई है यह किसी न किसी रूप से कंप्यूटर से जुडी हुई है, इतनी हाई टेक्नोलॉजी का Development कंप्यूटर की वजह से ही संभव हुआ है।और हम अपने Daily Basis Life में कंप्यूटर Bases बने डिवाइस का उपयोग किसी न किसी रूप में करते है जैसे की स्मार्ट फ़ोन यह कंप्यूटर पर ही आधारित है। जिसे हम Pocket कंप्यूटर भी कह सकते है।  कंप्यूटर को हम 2 प्ररूप में ही जानते है Desktop और Laptop लेकिन यह अलग अलग प्ररूप में Available है। तो चलिए अब हम कंप्यूटर के प्ररूप के बारे में जानते है।
Computer Se Kya Hota Hai? In Hindi

कंप्यूटर कितने प्रकार के होते है?:-

कंप्यूटर को 3 भागों में विभाजित किया गया है। जो की निचे दिए गए है:-
  1. Based on Work(कार्य के आधार पर)
  2. Based on Purpose(उद्देश्य के आधार पर)
  3. Based on Size(आकार के आधार पर)

Based on Work कंप्यूटर कोन से है?:-

कार्य के आधार(Based on Work) पर भी कंप्यूटर को 3 भागों में विभाजित किया गया है:-
  • Analog Computer
  • Digital Computer
  • Hybrid Computer
Analog कंप्यूटर कोन से है?:-
Anlog Computer Ke Kya Work Hai? in Hindi

एनालॉग कंप्यूटर ऐसे कंप्यूटर सिस्टम है। जो Temperature ,Pressure, Voltage, Speed इत्यादि के Volume को मापता है। एनालॉग कंप्यूटर Physical Volumes को मापने के लिए जाने जाते है।उदाहरण- Voltmeater और A meter इत्यादि।

Digital Computer Kya Hai?:-

Digital Computer Ka Work Kya Hai? In Hindi

डिजिटल कंप्यूटर सिस्टम एनालॉग के विपरीत बाइनरी नंबर पर काम करते है। डिजिटल कंप्यूटर में सभी डाटा को ० और १ के रूप में Process किया जाता है। डिजिटल कंप्यूटर का इस्तेमाल सबसे ज्यादा होता है।उदाहरण-Desktop,Tablet, इत्यादि।

Hybrid Computer कंप्यूटर कोन से है?:- 

hybrid Computer Ke Work Kya Hai?in Hindi

हाइब्रिड कंप्यूटर एनालॉग और डिजिटल से मिलकर बना है। इस पर हम एनालॉग और डिजिटल दोनों कंप्यूटर के काम कर सकते है। हाइब्रिड कंप्यूटर का इस्तेमाल Scientific Calculation ,Large Industries और Defense System में किया जाता है।

Based On Purpose कंप्यूटर कोन से है?:-

उद्देश्य के आधार पर कंप्यूटर को 2 वर्गों में विभाजित किया गया है।:-
  • Normal Computer 
  • Special Computer

Based on Size कंप्यूटर कोन से है?:- 

आकार के आधार पर कंप्यूटर को 4 भागो में विभाजित किया गया है।
  • Super Computer(सुपर कंप्यूटर)
  • Mini Computer(मिनी कंप्यूटर)
  • Mainframe Computer(मेनफ़्रेम कंप्यूटर)
  • Micro Computer(माइक्रो कंप्यूटर)

Super Computer कंप्यूटर कोन से है?:- 

यह कंप्यूटर सबसे फ़ास्ट होते है। सुपर कंप्यूटर १०० करोड़ इंस्ट्रक्शन एक सेकंड की स्पीड से काम कर सकते है।इनका इस्तेमाल Research&Development और मौसम पूर्वानुमान के लिए किया जाता है।

Mini Computer कंप्यूटर कोन से है:-  

मिनी कंप्यूटर काफी सरे कंप्यूटर को हैंडल कर सकते है।इन्हे नेटवर्क की तरह इस्तेमाल कर सकते है। इनकी काम करने की झमता अधिक होती है।और आकार में छोटे होते है। इसलिए इन्हे मिनी कंप्यूटर कहा जाता है।

Micro Computer कंप्यूटर कोन से है:-

माइक्रो कंप्यूटर में माइक्रो-प्रोसेसर को इसके सेंट्रल यूनिट के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। बैंकिंग ऑफिस और घरो में इस्तेमाल होने वाले पर्सनल कंप्यूटर माइक्रो कंप्यूटर के अंदर ही आते है।

Mainframe Computer कंप्यूटर कोन से है:-

इन कंप्यूटर का इस्तेमाल बड़े बड़े इंस्टिट्यूट में डाटा संस्करण के लिए करते है। इनका आकार और कंप्यूटर से बड़ा होता है।और मेनफ़्रेम कंप्यूटर हर तरह से और अन्य कंप्यूटर से ज्यादा झमता के होते है। 

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